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\stitle{kiyaa iraadaa baarahaa tujhe bhulaane kaa}
\lyrics{Shahryar}
\singers{Shahryar}



किया इरादा बारहा तुझे भुलाने का
मिला न उज़्र ही कोई मगर ठिकाने का

ये कैसी अजनबी दस्तक थी कैसी आहट थी
तेरे सिवा था किसे हक़ मुझे जगाने का

ये आँख है कि नहीं देखा कुछ सिवा तेरे
ये दिल अजब है कि ग़म है इसे ज़माने का

वो देख लो वो समुंदर ख़ुश्क होने लगा
जिसे था दावा मेरी प्यास को बुझाने का

ज़मीं पे किस लिये ज़ंजीर हो गए साये
मुझे पता है मगर मैं नहीं बताने का