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% shahryar09.s isongs output
\stitle{kis-kis tarah se mujhako na rusvaa kiyaa gayaa}
\lyrics{Shahryar}
\singers{Shahryar}



किस-किस तरह से मुझको न रुस्वा किया गया
ग़ैरों का नाम मेरे लहू से लिखा गया

निकला था मैं सदा-ए-जरस की तलाश में
भूले से इस सुकूत के सेहरा में आ गया

%[jaras = bell; sukuut = silence]

क्यों आज उसका ज़िक्र मुझे ख़ुश न कर सका
क्यों अज्ज उसका नाम मेरा दिल दुखा गया

इस हादसे को सुनके करेगा यक़ीं कोई
सूरज को एक झोंका हवा का बुझा गया