ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% shakil09.s isongs output
\stitle{kaise kah duu.N ki mulaaqaat nahii.n hotii hai}
\singers{Shakeel Badayuni #9}
% Contributed By Fayaz Razvi



कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है

आप लिल्लाह न देखा करें आईना कभी
दिल का आ जाना बड़ी बात नहीं होती है

छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया भर से
कब मेरी आँख से बरसात नहीं होती है

हाल-ए-दिल पूछने वाले तेरी दुनिया में कभी
दिन तो होता है मगर रात नहीं होती है

जब भी मिलते हैं तो कहते हैं कैसे हो "षकेएल"
इस से आगे तो कोई बात नहीं होती है