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\stitle{tark-e-muhabbat par bhii hogii unko nidaamat ham se ziyaadaa}
\singers{Shamim Jaipuri #5}



तर्क-ए-मुहब्बत पर भी होगी उन्को निदामत हम से ज़ियादा
किस ने की है कौन करेगा उन से मुहब्बत हम से ज़ियादा

हमने माना आप में होगी सब्र की ताक़त हम से ज़ियादा
देखिये लेकिन उतरी हुई है आप की सूरत हम से ज़ियादा

उफ़्फ़ वो तबस्सुम हल्का हल्का हाये वो भीगी भीगी पलकें
वक़्त-ए-रुख़्सत उन पे गिराँ था लमहा-ए-रुख़्सत हम से ज़ियादा

कोई तमन्ना कोई मसर्रत दिल के क़रीब आने ही न दी
किसने की है इश्क़ में यारों ग़म से मुहब्बत हम से ज़ियादा