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% shehzad02.s isongs output
\stitle{mumkin ho aap se to bhulaa diijiye mujhe}
\lyrics{Shehzad Ahmed}
\singers{Shehzad Ahmed}
% Contributed by Wasim



मुम्किन हो आप से तो भुला दीजिये मुझे
पत्थर पे हूँ लकीर मिटा दीजिये मुझे

हर रोज़ मुझ से ताज़ाह शिकायत है आप को
मैं क्या हूँ एक बार बता दीजिये मुझे

मेरे सिवा भी है कोई मौज़ू-ए गुफ़्तुगू
अपना भी कोई रंग दिखा दीजिये मुझे

मैं क्या हूँ किस जगह हूँ मुझे  कुछ ख़बर नहीं
हैं आप कितनी दूर सदा दीजिये मुझे

की मैं ने अपने ज़ख़्म की तशहीर जा-ब-जा
मैं मानता हूँ जुर्म सज़ा दीजिये मुझे

क़ायम तो हो सके कोई रिश्ता गौहर के साथ
गेहरे समुंदरों में बहा दीजिये मुझे

शब भर किरन किरन को तरसने से फ़ायदा
है तीरगी तो आग लगा दीजिये मुझे

जलते दिनों में ख़ुद पस-ए-दीवार बैठकर
साये की जुस्तुजू में लगा दीजिये मुझे

"षेह्ज़द" यूँ तो शोला-ए जाँ सर्द हो चुका
लेकिन सुलग उठूँ तो हवा दीजिये मुझे