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% shehzad03.s isongs output
\stitle{haal usakaa tere chehare pe likhaa lagataa hai}
\lyrics{Shehzad Ahmed}
\singers{Shehzad Ahmed}
% Contributed by Fayaz Razvi



हाल उसका तेरे चेहरे पे लिखा लगता है
वो चुप चाप खड़ा है तेरा क्या लगता है

यूँ तो हर चीज़ सलामत है मेरी दुनिया में
एक त'अल्लुक़ है जो टूटा हुआ लगता है

मैं ने सोचा था के आबाद हूँ एक शहर में मैं
याँ तो हर शख़्स का अंदाज़ जुदा लगता है

मोद्दतें बीत गैइं तय न हुई मंज़िल-ए-शौक़
एक आलाम मेरे रस्ते में पड़ा लगता है

ऐ मेरे जज़्बा-ए-दौरों मुझ में कशिश है इतनी
जो खाता होता है वो तीर भी आ लगता है

जाने कौन सी पस्ती में गिरा हूँ "षेह्ज़द"
सूरज भी इस क़दर दूर है के दिया लगता है