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% shehzad08.s isongs output
\stitle{vo diyaa jis se mere qalb-o-nazar raushan the}
\singers{Shehzad Ahmed #8}



वो दिया जिस से मेरे क़ल्ब-ओ-नज़र रौशन थे
मैं ने जब हाथ लगाय तो जले हाथ मेरे

%[qalb-o-nazar = heart and eye]

घर की तख़्ती कोई पढ़ता ही नहीं क्या कीजे
कोई हो जो कि मुझे शहर में रुसवा कर दे

%[rusavaa = disgrace]

मुझे ये दुख कि ये लज़्ज़त तेरी क़िस्मत में नहीं
और तू ख़ुश कि किसी साँप ने काटा न तुझे

तेरी क़िस्मत तेरी हाथों की लकीरों में नहीं
ढूँढ कर ला वो सितारा कि जबीं पर चमके

%[jabii.n = forehead]

देखने कुछ न दिया दश्त के आगे क्या है
बन गये राह की दीवार मुसाफ़िर कितने

%[dasht = wilderness]

वादी-ए-मर्ग है ये शहर जो दिन को ख़ुश था
आप शब-ख़ूँ की तमन्ना में कहाँ आ पहुँचे

%[vaadii-e-marg = valley of the dead; shab-Kuu.N = bloody evening]

मेरे हाथों से रुका सैल-ए-हवा का रेला
संग हूँ या कि मैं आहन हूँ मुझे सोचने दे

%[sail-e-havaa = fast wind; sa.ng = stone; aahan = iron]