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\stitle{har ek jalvaa-e-ra.ngii.n merii nigaah me.n hai}
\lyrics{Akhtar Shirani}
\singers{Akhtar Shirani}



हर एक जल्वा-ए-रंगीं मेरी निगाह में है
ग़म-ए-फ़िराक़ की दुनिया दिल-ए-तबाह में है

किसी की याद-ए-करम उफ़ अरे म'आज़ल्लाह
तबाह होके भी ज़ालिम दिल-ए-तबाह में है

हज़ार पर्दों में ओ छुपनेवाले ये सुन ले
तेरा जमाल मेरे दामन-ए-निहाह में है

जहाँ में मुझे भी नाकाम-ए-आरज़ू कम है
न रंग आह में है और न सोज़ आह में है