% shirani07.s isongs output
\stitle{kisii se kabhii dil lagaayaa na thaa}
\singers{Akhtar Sheerani #7}
किसी से कभी दिल लगाया न था
मुहब्बत का सदमा उठाया न था
हसीनों के रोने पे हँसते थे हम
कभी एक आँसू बहाया न था
कोई हूर हो या परी अपना सर
किसी आस्ताँ पर झुकाया न था
सियाह गेसूओं को तमन्ना रही
मगर दिल को हम ने फँसाया न था
%[siyaah = dark/black]
ज़माने में वो कौन था ज़ोहरा-वश
के सीने से जिस ने लगाया न था
बसर की सदा ऐश-ओ-इशरत में उम्र
कभी रंज हमन उठाया न था
मगर इक झलक ने हमें खो दिया
ये सदमा तो हमने उठाया न था
किया इश्क़ के दर्द में मुब्तिला
"फ़लक तू ने इतना हँसाया न था
के जिस के इवज़ यूँ रुलाने लगे"