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% shirani09.s isongs output
\stitle{kyaa kah ga_ii kisii kii nazar kuchh na puuchhiye}
\singers{Akhtar Sheerani #9}
% Contributed by Raza Khan



क्या कह गई किसी की नज़र कुछ न पूछिये
क्या कुछ हुआ है दिल पे असर कुछ न पूछिये

वो देखना किसी का कुनखियों से बार बार
वो बार बार उस का असर कुछ न पूछिये

रो रो के इस तरह से कटी रात क्या कहें
मर मर के कैसे की है सहर कुछ न पूछिये

"आख्तर" दयार-ए-हुस्न में पहुँचें तो हैं मर के हम
क्यूँ कर हुआ है तय ये सफ़र कुछ न पूछिये

%[tay = complete]