% siddiqui01.s isongs output
\stitle{ruudaad-e-muhabbat kyaa kahiye kuchh yaad rahii kuchh bhuul gaye}
\singers{Sagar Siddiqui #1}
रूदाद-ए-मुहब्बत क्या कहिये कुछ याद रही कुछ भूल गये
दो दिन की मसर्रत क्या कहिये कुछ याद रही कुछ भूल गये
%[ruudaad-e-muhabbat = Tale of love; masarrat = happiness]
जब जाम दिया था साक़ी ने जब दौर चला था महफ़िल में
वो होश की स'अत क्या कहिये कुछ याद रही कुछ भूल गये
%[sa'at = moment]
एहसास के मैख़ाने में कहाँ अब फ़िक्र-ओ-नज़र की क़ंदीलें
आलम की शिद्दत क्या कहिये कुछ याद रही कुछ भूल गये
%[fikr-o-nazar = point of view; qa.ndile.n = lamps/candles]
%[aalam = sorrow; shiddat = intensity]
अब अपनी हक़ीक़त भी "Sअगर" बेरब्त कहानी लगती है
दुनिया की हक़ीक़त क्या कहिये कुछ याद रही कुछ भूल गये
%[berabt = unrelated]