% skausar01.s isongs output
\stitle{mai.n Khayaal huu.N kisii aur kaa, mujhe sochataa koii aur hai}
\lyrics{Saleem Kausar}
\singers{Saleem Kausar}
मैं ख़याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
सर-ए-आईना मेरा अक्स है, पस-ए-आईना कोई और है
मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूँ, तो किसी के हर्फ़-ए-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
कभी लौट आएँ तो न पूछना, सिर्फ़ देखना बड़े ग़ौर से
जिंहें रास्ते में ख़बर हुई कि ये रास्ता कोई और है
अजब ऐतबार-ब-ऐतबारी के दरमियाँ है ज़िंदगी
मैं करीब हूँ किसी और के, मुझे जानता कोई और है
वही मुंसिफ़ों की रिवायतें, वही फ़ैसलों की इबारतें
मेरा जुर्म तो कोई और था, पर मेरी सज़ा कोई और है
तेरी रोशनी मेरी ख़द्दो-ख़ाल से मुख़्तलिफ़ तो नहीं मगर
तू क़रीब आ तुझे देख लूँ, तू वही है या कोई और है