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\stitle{hairat se tak rahaa hai jahaan-e-vafaa mujhe}
\singers{Sagar Nizami}
% Contributed by Gopi Shanker
हैरत से तक रहा है जहान-ए-वफ़ा मुझे
तुम ने बना दिया है मोहब्बत में क्या मुझे
हर मंज़िल-ए-हयात से गुम कर गया मुझे
मुड़ मुड़ के राह में वो तेरा देखना मुझे
कैफ़-ए-ख़ुदी ने मौज को कश्ती बना दिया
होश-ए-ख़ुदा है अब न ग़म-ए-नाख़ुदा मुझे
साक़ि बने हुये हैं वो "Sअगर" शब-ए-विसाल
इस वक़्त कोई मेरि कसम देख्ता मुझे