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\stitle{vo a.njuman me.n raat ba.Dii shaan se gaye}
\singers{Saeed Rahi #12}



वो अंजुमन में रात बड़ी शान से गये
इमान चीज़ क्या थी कई जान से गये

मैं तो छुपा हुआ था हज़ारों नक़ाब में
लेकिन अकेले देख के पहचान से गये

वो शमा बन के ख़ुद ही अकेले जला किया
परवाने कल की रात परेशान से गये

आया तेरा सलाम न आया है ख़त कोई
हम आख़िरी सफ़र के भी सामान से गये

"ऱहि" जिंहें ख़ुदा भी न समझा सका कभी
बैठे बिठाये देख लो अब मान से गये