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\stitle{shamaa jalaaye rakhanaa jab tak ke mai.n na aauu.N}
\singers{Saeed Rahi #14}



शमा जलाये रखना जब तक के मैं न आऊँ
ख़ुद को बचाये रखना जब तक के मैं न आऊँ

ये वक़्त-ए-इम्तेहाँ है सब्र-ओ-क़रार-ओ-दिल का
आँसू छुपाये रखना जब तक के मैं न आऊँ

हम तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुदा नहीं थे
साँसें बचाये रखना जब तक के मैं न आऊँ