% tabassum02.s isongs output
\stitle{ye kyaa ke ek jahaa.N ko karo vaqaf iztaraab}
\singers{Sufi Ghulam Mustafa Tabassum #2}
% Contributed by Ishani Gupta
ये क्या के एक जहाँ को करो वक़फ़ इज़्तराब
ये क्या के एक दिल को शतीबा न कर सको
ऐसा न हो ये दर्द बने दर्द लाज़वल
ऐसा न हो के तुम भी मादावा न कर सको
शायद तुम्हें भी चैन न आए मेरे बग़ैर
शायद ये बात तुम भी गवारा न कर सको
क्या जाने फिर सितम भी मयस्सर हो न हो
क्या जाने ये करम भी करो या न कर सको
अल्लाह करे जहाँ को मेरी याद भूल जाए
अल्लाह करे के तुम कभी ऐसा न कर सको
मेरे सिवा किसी की न हो तुम को जुस्तजू
मेरे सिवा किसी की तमन्ना न कर सको