% tarz01.s isongs output
\stitle{ik zara dil ke qariib aao to kuchh chain pa.De}
\lyrics{Ganesh Bihari Tarz}
\singers{Ganesh Bihari Tarz}
% Contributed by Wasim
इक ज़र दिल के क़रीब आओ तो कुछ चैन पड़े
जाम को जाम से टकराओ तो कुछ चैन पड़े
बैठे बैठे तो हर मौज से दिल दहलेगा
बड़के तूफ़ान से टकराओ तो कुछ चैन पड़े
जी उलझता है नग़्मा-ए-रंगीन सुनकर
गीत एक दर्द भरा गाओ तो कुछ चैन पड़े
दाग़ के शेर जवानी में भले लगते हैं
मीर की कोई ग़ज़ल गाओ तो कुछ चैन पड़े
याद-ए-अयाँ में गुज़िश्ताँ से इजाज़त लेकर
"टर्ज़" कुछ देर को सो जाओ तो कुछ चैन पड़े