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% tarz03.s isongs output
\stitle{beniyaaz-e-sahar ho gaii}
\lyrics{Ganesh Bihari Tarz}
\singers{Ganesh Bihari Tarz}
% Contributed by Ramesh Hariharan



बेनियाज़-ए-सहर हो गैइ
शम-ए-ग़म मो'अतबर हो गैइ

इक नज़र क्या इधर हो गैइ
अजनबी हर नज़र हो गैइ

ज़िंदगी क्या है और मौत क्या
शब हुई और सहर हो गैइ

उनकी आँखों में अश्क आ गए
दास्ताँ मुख्तसर हो गैइ

चर तिन्के ही रक पाए थे
बिजलियों को ख़बर हो गैइ

छिड़ गैइ किसकी दामन की बात
ख़ुद्बख़ुद आँख तर हो गैइ

उनकी महफ़िल से उठकर चले
रौशनी हमसफ़र हो गैइ

'टर्ज़' जब से छूटा कारवाँ
ज़ीस्त गर्द-ए-सफ़र हो गैइ