% tashna05.s isongs output
\stitle{aa.Nkh pa.Datii hai kahii.n paao.n kahii.n pa.Dataa hai}
\singers{Alam Tab Tashna #5}
% Contributed by Syed Sadiq Hasan Jafri
आँख पड़ती है कहीं पाओं कहीं पड़ता है
सब की है उन को ख़बर अपनी ख़बर कुछ भी नहीं
शमा है गुल भी है बुल-बुल भीहै परवाना भी
रात की रात ये सब कुछ है सहर कुछ भी नहीं
हश्र की धूम है सब कहते हैं यूँ है यूँ है
फ़ितना है एक तेरी ठोकर का मगर कुछ भी नहीं
नेस्ती की है मुझे कूचा-ए-हस्ती में तलाश
सैर करता हूँ उधर की के जिधर कुछ भी नहीं
एक आँसू भी असर जब न करे ऐ "टश्न"
फ़ायेदा रोने से ऐ दीदा-ए-तर कुछ भी नहीं