ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% tasleem02.s isongs output
\stitle{Khudaa kare ki muhabbat me.n vo mukaam aaye}
\singers{Tasleem Fazli}



ख़ुदा करे कि मुहब्बत में वो मुकाम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये

तुम्हारा प्यार मेरे गेसूओं की उलझन हो
तुम्हारे वास्ते दिल का चिराग़ रोशन हो
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ लेके शाम आये

मेरी ख़यालों की तस्वीर हू-ब-हू हो तुम
मेरे हुज़ूर निगाहों की आरज़ू हो तुम
इसी तरह से निगाह उठे सलाम आये

जहाँ तलक ये हँसी गुन-गुनाती रात चले
नज़र नज़र से मिले, दिल से दिल की बात चले
हमारे दिल की तड़प कुछ तो अपने काम आये

 ंएह्दि ःअसन'स वेर्सिओन फ़ोर थे फ़िल्म आफ़्शन: 

ख़ुदा करे कि मुहब्बत में ये मुकाम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये

कुछ इस तरह से जीये ज़िंदगी बसर न हुई
तुम्हारे बाद किसी रात की सहर न हुई
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ लेके शाम आये

ख़ुद अपने घर में वो मेहमान बन के आयेँ हैं
सितम तो ये है कि अंजान बन के आयेँ हैं
हमारे दिल की तड़प आज कुछ तो काम आये

वही है साज़, वही गीत, वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है नहीं हो तुम मगर
इसी तरह से निगाहें उठे सलाम आये