ACZoom Home | ITRANS | ITRANS Song Book |
% tasleem03.s isongs output
\stitle{aap ko bhuul jaaye.n ham itane to bevafaa nahii.n}
\singers{Tasleem Fazli}
आप को भूल जायें हम इतने तो बेवफ़ा नहीं
आप से क्या गिला करें आप से कुछ गिला नहीं
शीशा-ए-दिल को तोड़ना उनका तो एक खेल है
हमसे ही भूल्ल हो गई उनकी कोई ख़ता नहीं
काश वो अपने ग़म मुझे दे दें तो कुछ सुकूँ मिले
वो कितना बदनसीब है ग़म ही जिसे मिला नहीं
करना है गर वफ़ा तो क्या कैसे वफ़ा को छोड़ दूँ
कहते हैं इस गुनाह की होती कोई सज़ा नहीं