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% wajida05.s isongs output
\stitle{hamaare un ke maraasam kii baat mat puuchho}
\lyrics{Wajida Tabassum}
\singers{Wajida Tabassum}



हमारे उन के मरासम की बात मत पूछो
ये सिलसिला तो कहीं दूर जाँ से मिलता है

है अपने मुक़द्दर की बात क्या कहिये
हमारे ज़ख़्म को मरहम कहाँ से मिलता है

हमारे प्यार के क़िस्से गली गली बिखरे
ये मरतबा बड़े सूद-ओ-ज़ियाँ से मिलता है

सितरों जैसी ये आंखें ये चाँद स चेहरा
तुम्हारा सिलसिला कुछ आसमाँ से मिलता है

हमारा ज़िक्र कितबों में ढूँढने वालो
हमारा ज़िक्र तो सरे जहाँ से मिलता है