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% wali01.s isongs output
\stitle{jise ishq kaa tiir kaarii lage}
\lyrics{Wali Mohammed Wali}
\singers{Wali Mohammed Wali}
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यों न भारी लगे
न छोड़े मोहब्बत दम-ए-मर्ग लग
जिसे यार जानी सों यारी लगे
न होए उसे जग में हर्गिज़ क़रार
जिसे इश्क़ की बेक़रारी लगे
हर इक वक़्त मुझ आश्क़-ए-पाक कों
पिआरे तेरी बात पिआरी लगे
'Wअलि' कों कहे तु अगर एक बचन
रक़िबाँ के दिल में कटारी लगे