% wali02.s isongs output
\stitle{us ko.n haasil kyo.n ke hoe jag me.n faraaG-e-zi.ndagii}
\lyrics{Wali Mohammed Wali}
\singers{Wali Mohammed Wali}
उस कों हासिल क्यों के होए जग में फ़राग़-ए-ज़िंदगी
गर्दश-ए-इफ़्लाक है जिस कों अयाग़-ए-ज़िंदगी
अए अज़ीज़ान सैर-ए-गुल्शन है गुल-ए-दाग़-ए-आलम
सोहबत-ए-अहबाब है मानी में बाग़-ए-ज़िंदगी
लब हैं तेरे फ़िल)हक़ीक़त चश्म-ए-आब-ए-हयात
ख़िज़्र-ए-ख़त ने उस सों पाया है सुराग़-ए-ज़िंदगी
जब सों देखा नैन नज़र्भर काकुल-ए-मुश्किन-ए-यार
तब सों जिओं सम्भले परेशान है दिमाग़-ए-ज़िंदगी
आस्माँ मेरी नज़र में कुबा-ए-तारिक है
गर न देखूँ तुझकों अए चश्म-ओ-चिराग़-ए-ज़िंदगी
लाला-ए-खुनिन कफ़्फ़िन के हाल सों ज़ाहिर हुआ
बस्तगी है खाल सों ख़ुबाँ के दाग़-ए-ज़िंदगी
क्यों न होवे अए 'Wअलि' रोशन शब-ए-क़दर-ए-हयात
है निगाह-ए-गरम-ए-गुल रुआँ चिराग़-ए-ज़िंदगी