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\stitle{ruuh baKhshii hai kaam tujh lab kaa}
\lyrics{Wali Mohammed Wali}
\singers{Wali Mohammed Wali}



रूह बख़्शी है काम तुझ लब का
दम-ए-इसा है नाम तुझ लब का

हुस्न के खिज़्र ने किया लबरेज़
आब-ए-हैवाँ सों जाम तुझ लब का

मंतक़-ओ-हिक्मत-ओ-मानी पर
मुश्तमिल है कलाम तुझ लब का

रग-ए-यक़ूत के क़लम सों लिखें
ख़त परस्ताण पयाम तुझ लब का

सब्ज़ा-ओ-बर्ग-ओ-लाला रखते हैं
शौक़ दिल में दवाम तुझ लब का

ग़ुर्क़-ए-शुकर हुए हैं काम-ओ-ज़बाँ
जब लिया हूँ मैं नाम तुझ लब का

है "Wअलि" की ज़बाँ कों लज़्ज़त बख़्श
ज़िक्र हर सुब्ह-ओ-शाम तुझ लब का