% wali04.s isongs output
\stitle{ruuh baKhshii hai kaam tujh lab kaa}
\lyrics{Wali Mohammed Wali}
\singers{Wali Mohammed Wali}
रूह बख़्शी है काम तुझ लब का
दम-ए-इसा है नाम तुझ लब का
हुस्न के खिज़्र ने किया लबरेज़
आब-ए-हैवाँ सों जाम तुझ लब का
मंतक़-ओ-हिक्मत-ओ-मानी पर
मुश्तमिल है कलाम तुझ लब का
रग-ए-यक़ूत के क़लम सों लिखें
ख़त परस्ताण पयाम तुझ लब का
सब्ज़ा-ओ-बर्ग-ओ-लाला रखते हैं
शौक़ दिल में दवाम तुझ लब का
ग़ुर्क़-ए-शुकर हुए हैं काम-ओ-ज़बाँ
जब लिया हूँ मैं नाम तुझ लब का
है "Wअलि" की ज़बाँ कों लज़्ज़त बख़्श
ज़िक्र हर सुब्ह-ओ-शाम तुझ लब का