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% wbarelvi04.s isongs output
\stitle{a.nkahe har har lafz kaa Khud aaiinaa ho jaauu.Ngaa}
\lyrics{Wasim Barelvi}
\singers{Wasim Barelvi}
% Contributed by Fayaz Razvi



अंकहे हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा
उस को छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा

तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं
मैं गिरा तो मसला बन कर खड़ हो जाऊँगा

मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा

सारे दुनिया की नज़र में है मेरा अह्द-ए-वफ़ा
एक तेरे कहने से क्या मैं बेवफ़ा हो जाऊँगा