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% wbarelvi07.s isongs output
\stitle{apane har har lafz kaa Khud aa_iinaa ho jaauu.Ngaa}
\singers{Wasim Barelvi #7}
% Contributed by Fayaz Razvi
अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा
उस को छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा
तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं
मैं गिरा तो मसला बन कर खड़ा हो जाऊँगा
मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
सारे दुनिया की नज़र में है मेरा अहद-ए-वफ़ा
एक तेरे कहने से क्या मैं बेवफ़ा हो जाऊँगा