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% zafar03.s isongs output
\stitle{kiije na das me.n baiTh kar aapas kii baat chiit}
\singers{Bahadur Shah Zafar}
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कीजे न दस में बैठ कर आपस की बात चीत
पहुँचेगी दस हज़ार जगाह दस की बात चीत
कब तक रहें ख़ामोश के ज़ाहिर से आप की
हम ने बहुत सुनी कस-ओ-नाकस की बात चीत
मुद्दत के बाद हज़रत-ए-नासह, करम किया
फ़रमाईये मिज़ाज-ए-मुक़द्दस की बात चीत
पर तर्क-ए-इश्क़ के लिये इज़हार कुछ न हो
मैं क्या करूँ नहीं ये मेरे बस की बात चीत
क्या याद आ गया है "ज़फ़र" पंजा-ए-निगार
कुछ हो रही है बंद-ओ-मुख़म्मस की बात चीत