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% zafar04.s isongs output
\stitle{lagataa nahii.n hai jii meraa uja.De dayaar me.n}
\singers{Bahadur Shah Zafar}



लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में
किसकी बनी है आलम-ए-नापाएदार में

कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में

उम्र-ए-दराज़ माँग कर लाए थे चार दिन
दो अरज़ू में कट गए दो इन्तज़ार में

कितना है बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिये
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में