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% zafar07.s isongs output
\stitle{vo behijaab jo pii ke kal sharaab aayaa}
\singers{Bahadur Shah Zafar}
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वो बेहिजाब जो पी के कल शराब आया
अगर्चे मस्त था मैं, पर मुझे हिजाब आया

इधर ख़याल मेरे दिल में ज़ुल्फ़ का गुज़रा
उधर वो खाता हुआ दिल में पेच-ओ-ताब आया

ख़याल किस का समाया है दीदा-ओ-दिल में
न दिल को चैन मुझे और न शब को ख़्वाब आया