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% zafar16.s isongs output
\stitle{yaar thaa gulazaar thaa baad-e-sabaa thii mai.n na thaa}
\singers{Bahadur Shah Zafar #16}
% Contributed by Sudhanshu



यार था गुलज़ार था बाद-ए-सबा थी मैं न था
लायक़-ए-पा-बोस-ए-जाँ क्या हिना थी मैं न था

हाथ क्यों बाँधे मेरे छल्ला अगर चोरी हुआ
ये सरापा शोख़ी-ए-रंग-ए-हिना थी मैं न था

मैं ने पूछा क्या हुआ वो आप का हुस्न-ओ-शबाब
हँस के बोला वो सनम शान-ए-ख़ुदा थी मैं न था

मैं सिसकता रह गया और मर गये फ़रहाद-ओ-क़ैस
क्या उंहीं दोनों के हिस्से में क़ज़ा थी मैं न था