% zgorakhpuri03.s isongs output
\stitle{majabuurii ke mausam me.n bhii jiinaa pa.Dataa hai}
\lyrics{Zafar Gorakhpuri}
\singers{Zafar Gorakhpuri}
% Contributed by Fayaz Razvi
मजबूरी के मौसम में भी जीना पड़ता है
थोड़ा सा समझौता जानम करना पड़ता है
कभीकभी कुछ इस हद तक बड़ जाती है लाचारी
लगता है ये जीवन जैसे बोझ हो कोई भारी
दिल कहता है रोयें लेकिन हंसना पड़ता है
कभी कभी इतनी धुंधली हो जाती है तस्वीरें
पता नहीं चलता क़दमों में कितनी हैं ज़ंजीरें
पाँव बँधे होते हैं लेकिन चलना पड़ता है
तूठ के जाने वाले बादल टूटने वाला तारा
किस को ख़बर किन लम्हों में बन जाये कौन सहारा
दुनिया जसी भी हो रिश्ता रखना पड़ता है