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% zgorakhpuri08.s isongs output
\stitle{mile kisii se nazar to samajho Gazal hu_ii}
\singers{Zafar Gorakhpuri #8}
% Contributed by Bitan Halder
मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई
रहे अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई
मिला के नज़रों को वो हया से फिर
झुका ले कोई नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई
इधर मचल कर उंहें पुकारे जुनूँ मेरा
भड़क उठे दिल उधर तो समझो ग़ज़ल हुई
उदास बिस्तर की सिलवटे जब तुम्हें चुभें
न सो सको रात भर तो समझो ग़ज़ल हुई
वो बदगुमाँ हो तो शेर सूझे न शायरी
वो महर-बाँ हो "ज़फ़र" तो समझो ग़ज़ल हुई